Shodashi Secrets
Wiki Article
क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
The Mahavidya Shodashi Mantra aids in meditation, boosting inner quiet and aim. Chanting this mantra fosters a deep sense of tranquility, enabling devotees to enter a meditative state and hook up with their inner selves. This reward enhances spiritual recognition and mindfulness.
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।
ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य
If your Shodashi Mantra is chanted with a transparent conscience in addition to a established intention, it might make any desire come real for you personally.
Her Tale contains famous battles versus evil forces, emphasizing the triumph of good above evil and the spiritual journey from ignorance to enlightenment.
Since the camphor is burnt into the hearth instantaneously, the sins made by the person grow to be free from Those people. There is not any any as a result have to have to locate an auspicious time to get started on the accomplishment. But following durations are reported to generally be Specific for this.
Often called the goddess of knowledge, Shodashi guides her devotees toward clarity, Perception, and higher awareness. Chanting her mantra enhances instinct, helping men and women make sensible decisions and align with their interior real truth. This profit nurtures a life of integrity and reason.
The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual development as well as the attainment of worldly pleasures and comforts.
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह more info साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।